Book Title: Jain Siddhant Kaumudi
Author(s): Ratnachandraswami
Publisher: Bhairavdan Sethia

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Page 291
________________ जैनसिद्धान्तकौमुदी धातुपाठ १४५ जय यागकरणे १४६ जहा त्यागे १४७ जंप व्यक्तायां वाचि १४८ जंभ गात्रविस्तारणे १४९ जा गतौ १५० जा प्रादुर्भावे १५१ जागर निद्राक्षये १५२ जाण अवबोधने १५३ जिण जये १५४ जीव प्राणधारणे १५५ जु मिश्रणे १५६ जुंज भोजनेच्छायाम १५७ जुज योगे १५८ जुज्झ संप्रहारे १५६ जूर रोगे १६० जूर वाहानी १६१ जूह मिश्रणे १६२ जोय दर्शने १६३ जोस नाशे संवायां च १६४ जल ज्वलने १६५ ज्झा ध्यान १६६ झर क्षरणे १६७ झव क्षपणायाम् १६८ झिझ क्षये १६६ झिया ध्याने १७० झुर अश्रुविमोचन १७१ झुंझ अदनेच्छायाम् १७२ दुह निरसने १७३ डंभ दंभने १७४ डंस दशने १७५ डी विहायसागतौ १७६ डु द्रवे १७७ ढा विदारणे १७८ ढोय गौ १७६ गाम अर्पणे १८० गुम आवरण १८१ तक्ख तनूकरणे १८२ तच्छ ननूकरण १८३ तण विस्तारे १८४ तप्प तर्पणे १८५ तम म्लानौ १८६ तल भर्जने १८७ तंच संकोचने १८८ तिउट्ट बोटने १८६ तितिक्ख सहने १६० निष्प दुःखदाने तर्पण तृप्तौ च १६१ तुट बोटने १६२ तुद व्यथन । १६३ तुर त्वरायाम् Aho ! Shrutgyanam

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