Book Title: Jain Siddhant Kaumudi
Author(s): Ratnachandraswami
Publisher: Bhairavdan Sethia

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Page 296
________________ सठियाग्रन्थमाला (२६४) धातुपाठ ३६४ सिव्व तन्तु सन्तान ३६५ सिंच सेचने ३६६ सीद विशरणे ३९७ सु प्राणिप्रसवे ३६८ सुज्झ नैर्मल्ये ३९९ सुड निन्दायाम् ४०० सुमर स्मरणे ४०१ सुय शयने ४०२ मुय दौर्गन्ध्ये ४०३ सुस्स शोषणे ४०४ सुस्सुस सेवायाम् ४०५ सुंभ हिंसने ४०६ सूर नाशने ४०७ सेय धर्म तौ ४०८ सेव सेवायाम् ४०६ सेह शिक्षायाम् ४१० सोय शोके ४११ स्सद स्वादने ४१२ स्सम परिश्रमे ४१३ स्सय सेवायाम् ४१४ स्सस प्राणने ४१५ स्मंभ विश्वासे ४१६ हक्क निषेधे ४१७ हड चेष्टायाम् ४१८ हण हिंसायाम् ४१६ हस हसने ४२० हंद ग्रहणे ४२१ हा ह्रासे विसूचिकायाञ्च ४२२ हिंड भ्रमणे शब्दे च . ४२३ हिंस हिंसायाम ४२४ हुण होमे ४२५ हो सत्तायाम् अथ द्वितीयगणः ॥ १ अच्च पूजायाम् २ अत्थम अस्तमयने ३ अप्प अर्पणे ४ अंज प्रकटने ५ इर गतौ ६ उक्ख सेचने ७ उड बन्धने ८ एड उत्सर्गे ६ अोयव संसिद्धिजययोः १० कह वाक्यप्रबन्धे ११ काम इच्छायाम् १२ किलाम दैन्यापादने १३ कूल आवरणे १४ को कूर्दने १५ कोर विलेखनचित्रीकरणयो: १६ क्खाल शौचकर्मणि Aho ! Shrutgyanam

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