Book Title: Jain Siddhant Kaumudi
Author(s): Ratnachandraswami
Publisher: Bhairavdan Sethia
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जैनसिद्धान्तकौमुदी
२६ गुणा आवर्तनायाम् ३० गोव गोपने
३१ घट्ट स्पर्शकिञ्चिच्चलनयोः
३२ घड चेष्टायाम्
३३ घात हिंसायाम्
३४ घोस व्यक्तायां वाचि
३५ चय सामर्थ्य
३६ चल गतौ
३७ चिन्त चिन्तने
३८ चिट्ठ गतिनिवृत्तौ
३६ चोय प्रेरणायाम्
४० च्चय त्यागे
४१ च्छड्ड
४२ च्छल वञ्चनेप्रक्षालने च
त्यागे
(२६७)
४३ च्छाद संवरणे
४४ च्छिद छेदने
४५ च्छोड त्यागे
४६ च्छोल प्रक्षालने
४७ छंट सेचने
४८ जण उत्पादने
४९ जम निवृत्तौ
५० जर वयोहानौ झग्गे च
५१ जाय याचने
५२ जोय प्रकाशने
५३ जोय योजनायाम्
५४ ज्काम शब्दे
५५ ट्ठव स्थापनायाम्
५६ ट्ठा गतिनिवृत्तौ
५७ डह भस्मीकरणे
५८ गुल प्रेरणायाम् ५९ तज्ज्ञ भर्त्सन
६० तर तरणे साम
६१ तव तपने
६२ त्थर आच्छादने
६३ दुक्ख दुःखने
६४ दूम खेदे
६५ द्दव प्राप्तौ
६६ द्दह दहने
६७ स नाशने
६८ घर धारणे
६९ धा धारणे
धातुपाठ
७० धाच शीघ्रगतौ
७१ धोव शौचकर्मणि
७२ नद्ध बन्धने
७३ न्नव आज्ञापनायाम्
७४ पाड उन्मूलने पातने च
७५ पास दर्शने
७६ पिह इच्छायाभ्
७७ पीड पीडने
७८ पोल पीडने
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