Book Title: Jain Sahitya ma Gujarat
Author(s): Bhogilal J Sandesara
Publisher: Gujarat Vidyasabha

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Page 5
________________ इतिहास रेखा रूपे आ ज संस्थाए १८९८ मां प्रकट कर्यो हतो. आ अरसामा जे नवी सामग्री एकठी थती हती तेनो उपयोग करी अने पहेला संगृहीत थयेली सामग्रीनो नवेसरथी विचार करी इतिहास लखवाने अवकाश हतो; अने तेथी आ संस्थाए १९३७ - ३८ मां गुजरातनो मध्यकालीन राजपूत इतिहास' बे भागमां प्रकट कर्यो; अने १९४५ मां ' गुजरातनो सांस्कृतिक इतिहास ' - इस्लामयुग - पहेलो भाग प्रकट कर्यो. ए पछी १९४९ मां प्रो. अबुझफर नवीना उर्दूमा लखेला गुजरातना इतिहासना १ ला खंडनो अद्यतन अनुवाद २ भागमां प्रसिद्ध कर्यो. < प्रो. कोमिसेरियेटे अंग्रेजीमां गुजरातनां मुस्लिम राज्योनो इतिहास १९३८ मां स्वतंत्र रीते प्रकट कर्यो गुजरातनां साधनाने शोधी अने एना उपरथी मुस्लिम राज्य पहेलांना इतिहासनो पहेलो खरडो तैयार करवानो यश स्व. डॉ. भगवानलाल इंद्रजीने छे अने मुस्लिम राज्योनो इतिहास लखवामां सुरतवासी खा. सा. फझलुल्लाह लुत्फुल्लाह फरीदीनी मोटी मदद हतो, एम गेझेटियर उपरथी जगाय छे. स्व. रणछोड़भाई उदयरामे 'रासमाळा ' नो अनुवाद करतां अनेक सुधारावधारा अने पूर्तिओ मूळ ग्रंथमां उमेय हतां प्रो. होडीवाळा अने प्रो. कोमिसेरियटे मुस्लिम राज्योना समयना इतिहास माटे घणी सामग्री संशोधित करी छे. श्री. दुर्गाशंकर शास्त्रीए गुजरातनो राजपूत युगनो इतिहास लखतां तमाम सामग्रीनो लगभग उपयोग कर्यो छे; अने हमणां ज नवी आवृत्तिनी तैयारी करी अत्यार सुधीनां नवां संशोधनोनो पण समावेश करी आप्यो छे, जे हवे पछी थोडा ज समयमां प्रसिद्ध थशे. “काव्यानुशासन " नो उपोद्घात लखती वेळा पुराणकाळथी लई सोलंकी ओना समय सुधीनां यावदुपलब्ध साधनोना बळ उपर मारा तरफथी पण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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