Book Title: Jain Sahitya ma Gujarat Author(s): Bhogilal J Sandesara Publisher: Gujarat Vidyasabha View full book textPage 8
________________ प्रास्ताविक गुजरातना इतिहासने लगती सामग्रीना साधनग्रन्थो तैयार कराववानी गुजरात विद्यासभानी योजना अनुसार, 'पुराणोमां गुजरात'ना अनुसंधानमां आ 'जैन आगमसाहित्यमां गुजरात ' तैयार थयेल छे. जैन साहित्य अने तेमां ये जैन आगमसाहित्यनुं शास्त्रीय दृष्टिकोणथी अध्ययन अने संशोधन हजी बाल्यावस्थामां छे; ए साहित्यनी तथा एनी साथै संबंध धरावती परंपराओ तथा अनुश्रुतिओनी अनेक ते तपास ही हवे करवानी छे, अने ते कारणे, प्राचीन भारतीय संस्कृतिना अभ्यास माटे विविध दृष्टिए नवीन लागती माहिती तथा संशोधनना अनेक कोयडाओना उकेल माटे प्रयत्न करवा मेरे एवा रसप्रद मुद्दाओ एमांथी प्राप्त थाय छे. आ ग्रन्थमां आगमसाहित्यमाथी मळती प्राचीन गुर्जर देशना राजकीय अने सांस्कृतिक इतिहासना अभ्यासमा उपयोगी थाय एवी, भौगोलिक स्थळो, व्यक्तिविशेषो तथा अन्य विषयो - ' नेम्स अॅन्ड सब्जेक्ट्स ' -ने लगती सामग्री सूचिना रूपमा संकलित करी छे. I प्रारंभमां आपणे ए जोवुं जोईए के 'जैन आगमसाहित्य ' एटले शुं. साहित्यरसिकोमा पण केटलीक वार जैन साहित्य' अने 'जैन आगम साहित्य' ए बन्नेनी भेदरेखा पर वे एक प्रकारनो संभ्रम प्रवर्ते छेएम जोवामां आव्युं छे. 'जैन साहित्य ' एटले जैनो द्वारा रचायेलुं साहित्य, जेमां जैन धार्मिक विषयो उपरांत विविध बिनधार्मिक विषयो उपर पण जैनोए संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश तथा प्रादेशिक भाषाओमां रचेला साहित्यनो समावेश थाय छे प्राचीन भारतीय वाङ्मयना ललित तेमज शास्त्रीय तमाम प्रकारोना नमूनाओ आपणने जैन साहित्यमां प्राप्त थाय छे. ' जैन आगमसाहित्य ' एटले जैनोना मूल धार्मिक ग्रन्थो - 'स्क्रिप्चर्स' अथवा 'कॅनन ' - तथा ते उपरनुं भाष्यात्मक अने Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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