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दुई
Per
स्वर
बारह भावना
- रात्रपति हाि
जिस उत
SEFER
लवल देवी पिता परिवार
—
―
-दिल ।
३
दरियाईखहरराश
पर व भरे हुँद। पपई
कर सम्पति पर सर पर है
डिमार नहीं
भीतर या नम उऔर
-
विधिदेहि
पच महान संचरण लमि
-
-चौदह राहु बहु
प
मोह तोह के और
रूम और कई कारे होrer मदपुर डेय
तद छुई उपाय
ज्ञानी होरे ।
१
पद्रिय विजय घार विर
देह । दे रहे है ।
४८
।
१०८