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श्रीस्थूलना (श्रीभद्रवातुस्वामी के पाट पर)
श्रीआर्यमहागिरि (श्रोस्थूलभद्र के पाट पर)
[१०]
( शिष्य - २) (१) श्रीथार्यमहागिरि १
नई शिष्य अष्टौ ७ (२) श्रीसुहस्तिसूरि २ न शिष्य १५
( शिष्य-८) (१) श्रीउत्तर १ (२) श्रीबलिस्तर (३) श्रीधन ३ (४) श्रीसिर (५) श्रीको डिण ५ (६) श्रीनाग ६ (७) श्रीनागमित्त (७) श्रीरोहगुप्त 68
(शिष्य-१२) (१) श्रीरोहण १ (२) भोजप्रयता (३) श्रीमदगणी ३ (४) श्रीकामढ४ ( ५ ) श्रीसुस्थिता ५ (६) श्रीस्ववियुद्ध ६
श्रीसुहस्तिसूरि
(श्रीभार्यमहागिरि के पाट पर)
* स्थविरावलि में इन का 'छलूए रोहगुत्त' और कहीं 'छडुलूए रोहगुत्त' नाम है।
"Aho Shrut Gyanam"