Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

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Page 364
________________ [२१] संवत् नाम लेखांक संवत् नाम विमल सरि पूर्णिमागछ-नीमपल्ली यशाखा । लेखांक २३४५ २३६३ २४३० २३८० १५६२ , पासचंद्र सूरि जयचंद्र सूरि .... .... ___ ... जावडार [जावड़, जावडहरा] गछ । १५१८ , ... ... २३४२ पूर्णिमापद-साधुशाखा । २२४८ ... १३२५ गुणरत्न सूरि ...... कालिकाचार्य २२०३, २३१०, २४८३ १३७४ वीर सूरि ... १४६५ १९२६ भावदेव सूरि ... २४८३ १५३५ १५५८ विजयसिंह सूरि ... ____... २२०३ ....... उदयचंद्र सरि १५७५ मुनिद्रसूरि २३१० ... १५७६ . ... ... २४५७. बाहड़ गछ। नोनमाल गछ। यशोभद्र सूरि ..... ईश्वर सरि ... १४२१ १४८२ रामदेव सरि ब्रह्माण गह। मडाहड [मडाहडीय] गछ। १४८६ १९९८ पजून सूरि ... जजग सूरि पजग सूरि बुद्धिसागर सूरि ... २१७८ आणंदप्रभ सूरि ... सोमदेव सूरि धनचंद सूरि ... नयचंद्र सूरि १४६३ १५४२ "Aho Shrut Gyanam"

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