Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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[२२३ लखक संवत् नाम
संवत् नाम
लेखांक
मधुकर गछ।
वृहना।
१५६३
मुनिप्रभ सूरि
१४२२ १४३३
२.२३५
मझधारि गछ।
१३३७ १४६७ १५३४
प्रभानंद सुरि ... गुणसुंदर सूरि ... गुणनिर्मल सूरि ...
... ... ...
१४६५ १५५६६ १५१६
महेन्द्र सूरि . नरदेव मूरि रत्नाकर सूरि धर्मसिंह सरि सागरचंद्र सूरि ... देवचंद्र सूरि मेरुपम सुरि मलयहस सूरि
२३१२
२३४३
१५३६ १५६६
२२०५
रुपन्लोय गछ।
१४७३
... ...
षं [खं] डेर [क] गछ।
२३३७
१५१६
हपंसुदर सरि ... देवसुंदर सूरि .... सोमसुंदर सूरि ... जिनोदय सूरि जिनचंद्र सूरि
१४६१
सुमति सूरि यशोभद्र सूरि शांति सूरि
... ...
२२८४ ... २१८४, २३०८ ... २३०७-०८ ... २१८४
१५३२
१४९२
वापटीय गन्छ।
सरवाद गह।
२२१८
११६२ १३३८
वोरदेव राशिल्ल सरि
१२०८
जिनेश्वराचार्य ...
...
...
...
२२३२
२२२० રરરર
......
बर्द्धमानाचार्य ...
...
विद्याधर गठ।
२४४०
गुणप्रभ सूरि
...
...
२२७८
"Aho Shrut Gyanam"

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