Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

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Page 370
________________ लेखांक ... . - २३६४ २१५४, २४८४ २१७३, २१६४ ... मुलताण २५६२ २११३, २१३६, २१५४, २४६८, २५४३ मेवाड़ २५५३ [ ] स्थान लेखांक ! स्थान मारवाड़ (मारुयाडि)... ... २१५४, २५३० वीवीयाड़ी वीरमगाम २५३० मालवा मांडली २३५०, २३५१ बीसलनगर चैसालेरा मेदतट २४१८ शबुंजय २५३० मोरवाडा २१२६ सरसा पत्तन रतलाम २४६०, २४६३, २५३१ सहसावन संखवाली राणपुर २१५४ राधनपुर (राधानपुर) २३७२-७१, २५३० संखेसरा सागवाज रायपुर १५५ रेवताचल (रेवतगिरि) ... सागवाड़ा ... २१३६, २१८१ लखणखेट ... २१७६ सिद्धपुर लोदवा (लेद्रपुर-पत्तन) २२५३२, २९६०-६१, २५७२, सिद्धाचल ( सिद्धगिरि) सिरधर २४६८.२५४३, २०५६८, २११०४-४, सिंध ( सिंधुदेश) ... २३५६ वगतटमक सीणीज वानिक सरोही २१५४ २४५८ २४६८,२५३० २१३६ २३२६ वाराही २३३६ २५८४ सूनेध - २९२६ : सूरत २३०४ विक्रमपुर विराडा नोट:--- यद्यपि उजताचल,विन गिरि' आदि गिरनार के ही नाम है तथापि यह सूची अकारादि अनुक्रमिका से मनाये जाने के कारण ऐसे २ जिले नाल इसमें आये है वे वर्णानुसार यथा स्थान में मिलेंगे। * **** ******* 58 "Aho Shrut Gyanam"

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