Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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ए]
शुद्धि पत्र।
पृष्ठ
पंक्ति
अशुद्ध
शुद्ध
__... ...
जिनचंद्रसस्पिट्ट ... ... जिनभद्रसूरिपट्टे
जिनभइसुरिभिः ... जिनचंद्रसूरिभिः ... ... नाहड़ ... ... नाहर
१५६६ देवगुरु
देवगुप्त
नाहड़
नाहर
१५७६
१४७६ १६७६
१४७१ ... जिनचंद्रसूरिपट्ट ... ... जिनमतसरिपट्टे ... प्रतिष्ठापितः
प्रतिष्ठितः २०२
२५२५
यह लेख वहां के पंचायतो मंदिर के पीले पाषाण की मलनायक
जी की मूर्ति पर का है। ७८. ... ... १२-१५ ... ( दुबारा ) 2332 ... ... लेख नं० २३३१ १५७ ... ... ७-८ ... (,) 2537 ... ... , २५३६
"Aho Shrut Gyanam"

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