Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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[१६] लेखांक संवत्
नाम
लेखांक
...
१६७२
उदय सिंघ (40)
संवत् नाम १५३६ गुणरतावार्य ...
समयभक्त (उ०) सोम गणि ...
देवसुंदर सूरि ... १५५८ जिनहंस सूरि
___...
२१६५ ।
२४४३ २३६७, २५५०
। १६७५
१७६६
२१०१
१५८१
धर्मनिधान (७०) धर्मकीर्ति गणि ... सुखसागर गणि ... समयकीर्ति गणि सदारंग मुनि रलसार सहजकीर्ति । जिनसागर सृरि ... जिनसुख सूरि ... तरवसुंदर गणि ... जिनलाभ सूरि ... जिनकीर्ति सरि ... जिनयुक्ति सरि ... भीमराज मुनि ... चातुर्यनादि मुनि ... रुपाकल्याण गणि रिधविलास (40) जैसार गणि ... अमर सिं (६०)... जिनउदय सूरि ... अभयसोम गणि...
२५०२
२४०८
१५६४ जिनमें" सरि ... १९८१ जिनमाणिक्य सरि
२५०३
२५०३-७४
देवतिलक (उ०)
२४१०
१५८३ १५८५ १६१५५
ज्ञानचंद्र सूरि ... जिनसिंह मूरि (आ.)
... २१५४ । १८५२
२१५५ । १८७४ २४४० , २४६४
२४७ १८७६ २४१८, २५४३-४४, २५६८,२१७०,२५७२
२४६४ । १८५३
२५०४
जिनमहेंद्र सूरि ...
१६५०
पुण्यसागर (महो०)
"Aho Shrut Gyanam"

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