Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 3
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

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Page 360
________________ [१७] संवत् नाम लेखांक संवत् नाम लेखाक १८६६ जिनमहेंद्र सूरि ... २५३०, २०५८७-८८ २५३१ .... २५२४, २५७६ २४६०, २४६६ बालचंद्र (उ०)... प्रमेर गणि मयाचंद्र गणि ... सरूपचंद मुनि ... वीराम कृष्णचंद्र रत्नमुनि गणि ... वृद्धिचंद्र यति ... २५३१, २५५२, . . २३८२, २५६० । १९८० २५४० २५६२ १८६३ खूबचंद (५०) ... जगविशाल मुनि ... केसरीचंद मुनि ... जीतरंग गणि १९०३ स्वरतर-आचार्य शाखा। २५१८ १६३६ धर्मचंद ... ... २५६१ १६०३ २५१८ दानमल (२०) ... डुंगरसी मुनि जिनमुक्ति सूरि . खरतर वेगड़ गन्छ । १९१७ २५४२ १६२१ २५१० २४७५, २५३१, २५३३ -३५, २५४०, २५८२ २६३२ २४४६, २५०५, २५०६ ... २४४६, २५७५ २४४६. २५०५, २५०६ ... २४४६, २५०६ २४४६.२५०८-16 २५०५ १९५२ जिनेश्वर सूरि ... जिनगुणप्रभ सूरि ... जिनचंद्र सूरि जिनसमुद्र सूरि ... जिनसुंदर सूरि ... जिनशेखर सूरि ... जिनधर्म सरि जिनमेरु सूरि ... २४६३ २५४२, २५६० पाहंस मुनि ... साहिरचंद्र मुनि ... २५०५ १९२१ २५०५ . (उ०) अगरचंद मुनि ... २५३१ । जिनेश्वर सरि २५०५ १९१७ २५४२ २४४७ २५०७ "Aho Shrut Gyanam"

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