Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 178
________________ परिशिष्ट अ कलंक प्रसाद, बी०ए०-- दिगम्बर जैन मुखफ्फरनगर (उ० प्र०) निवासी, स्वतंत्रता सेनानी, १९४२ ई० में जेलयात्रा की थी। [ उ. प्र. नं. ८५] मगरचन्ध माहटा (१९११-१९८३६०), बीकानेर (राजस्थान) के सम्पन्न areerut शंकरराव नाहटा के सुपुत्र, प्रसिद्ध साहित्यान्वेषक, विद्वान, लेखक, सम्पादक, कलाकृतियों तथा पुरानी पांडुलिपियों के बोजी एवं संग्रहकर्त्ता, 'समाजग्रन', 'जैन इतिहास रत्न', 'विद्यावारिधि', 'सिद्धान्ताचार्य' जैसी मानद उपाधियां प्राप्त, बीकानेर की नाहटों की गुवाड़ में स्थित अपने भवन में 'अभय जैन पुस्तकालय' तथा 'श्री शंकरराव नाहटा कला भवन के संस्थापक, जिनमें स्वयं के परिश्रम से विपुल उपयोगी सामग्री का संग्रह किया, साधिक ४० पुस्तकों के रचयिता सम्पादक तथा साविक ४००० प्रकाशित लेखों के लेखक, अनेक जैन एवं जनेतर साहित्यिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध, समाजचेता श्वेताम्बर सदगृहस्थ एवं साहित्य साधक । जन्मतिथि १३ मार्च १९११. स्वर्गवास १२ जनवरी. १९८३ ई० । अभिनन्दन ग्रन्थ भी प्रकाशित हुआ है ( भाग - १ सन् १९७६ ई० में, भाग-२ सन् १९७८ में बीकानेर से ) । मलसिंह सेठ आगरा निवासी श्रीमत ओसवाल, गांधीवादी स्वतन्त्रता सेनानी, अनेक बार जेलयात्राएँ को, २५ वर्ष तक स्वतन्त्र भारत को लोकसभा के सदस्य रहे, राष्ट्रसेवा में अनेक उत्तरदायित्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, अनेक राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं एवं योजनाओं से सम्बद्ध, शिक्षा प्रेमी, उदार, दानी, लोकप्रिय राजनेता, नागरिक एवं सज्जन । जन्म ५ मई, १८९५ ई०, स्वर्गवास ८८ वर्ष की परिपक्व आयु में २२ दिसंबर १९८३ ई० । इन्होंने १९२८ में अचलग्राम सेवा संघ की स्थापना की थी, १९३५ में अचलट्रस्ट तथा पुस्तकालय की, ऐतिहासिक व्यक्तिकोष १६४

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