Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 192
________________ ज्योति प्रसाद की भगिनी मैनावती विवाहो यो । इनके पीत्र, विशेषकर हुकमचंद जैन, माज भी जैन समाज मेरठ के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय कार्यकर्ता है । उत्तमचन्द वकील, वरार- जिला आगरा ( उ० प्र०) के निवासी । सन् १९३६ से राष्ट्रीय क्षेत्र में अधिक प्रकाश में आये और बिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा मण्डल कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी रहे । किसानों का संगठन किया । सन् १९४० के आंदोलन में नजरबन्द किये गये और लगभग एक वर्ष जेल में रहे । पुनः सन् १९४२ के आंदोलन में ९ अगस्त, १९४२ को गिरफ्तार किये गये और मई १९४४ में छोड़े गये । [ उ० प्र० जे०, पृ० ९२] उदय न कामो श्वेताम्बर जैन विद्वान पण्डित ६४ वर्ष की आयु में २७ नवम्बर, १९७७ को निधन । उदयमान कासलीवाल, पं० १९वीं शती के अन्तिम तथा २०वीं के प्रारंभिक दशकों में सक्रिय साहित्यसेवी, कवि एवं लेखक, दर्जनों संस्कृत की प्राचीन रचनाओं, विशेषकर कथाओं के हिन्दी गद्य में अनुवाद किये, साहित्य प्रचार का बड़ा उत्साह था, बहुधा बम्बई में रहते थे । उमरायसिंह बंग- जन्म रोहतक (हरयाणा) में १८९१ ई० में, स्वर्गवास दिल्ली में ३० जनवरी १९५४ ई०, दिल्ली में बैंक में कार्यरत रहे, बड़े समाजसेवी थे, १९१५ ई० में जैन मित्रमंडल के प्रमुख संस्थापकों में से थे, चिरकाल उसके मंत्री रहे, उसके माध्यम से अनेक पुस्तकें, ट्रैक्ट आदि प्रकाशित कराये, बड़े पैमाने पर महावीर जयन्ति उत्सव मनाने का सफल अभियान चलाया जैन arrerश्रम आदि अनेक संस्थानों से सम्बद्ध रहे । [ प्रो. ६१-६२ ] उमराव सिंह टांक- दिल्ली निवासी ओसवाल, बी. ए., एस-एल. बी. वकील . समाजसेवी, इतिहास प्रेमी और लेखक थे, १९१४ बौर १९१० ई० के बीच उनकी कई ऐतिहासिक पुस्तिकाएं अंग्रेजी में प्रकाशित हुई, यथा 'जेना हिस्टोरी कलस्टडीज' (१९१४), 'डिस्टिंविश्व ओसवाल्स एंड बोसवाल फेमिलीड', 'दी बंना कानो ऐतिहासिक व्यtिaste १७६

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