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बेशाह
मोह
वैशि
बसाइ -
जैसिको.--
सिमर.
देसाई.
मेमिच.
१८६
'dari का प्राचीन इतिहास, २ भाग, पं० वमन एवं पं० परमानन्द शास्त्री कृत, दिल्ली १९७४ ।
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'जैनधर्म का मौलिक इतिहास', ४ भान, बा० हस्तीमल के निर्देशन में निर्मित प्रकाशित, जयपुर, १९७१-८७ ई० ।
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'एमएस एंड एन्टीक्विटीज माफ़ राजस्थान', फर्मन जेम्सटाड कृत । क./टी. यू. एस. टंक कृत 'ए डिक्सनरी बाफ जंन बायोग्रेफी', पार्ट I. ए., कुमार देवेन्द्र प्रसाद जैन, आरा, द्वारा १९१७ ई० में प्रकाशित ।
'जैन - शिलालेख संग्रह', ५ भाग -प्रथम तीन भाग पं० नाथूराम प्रेमी द्वारा श्री माणिकचन्द दि. जैन ग्रन्थमाला समिति बम्बई से क्रमश: १९२८, १९५२ व १९५७ ई० में प्रकाशित, शेष दो भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली से १९६४ व १९७१ में; सम्पादक क्रमश: मा. I - प्रो० हीरालाल जैन, II-पं० विजयमूर्ति, III. वही, प्रस्तावना डा० गुलाबचन्द्र बोवरो की, IV-V-STO विद्याधर जोहरापुरकर पांचों भाग जब भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली से प्राप्य हैं।
'जैन साहित्य और इतिहास', पं० नाथूराम प्रेमी कृत, द्वि. सं., बम्बई, १९५६ ई० ।
'जनेन्द्र सिद्धान्त कोश', ४ भाग, क्षु. जिनेन्द्र वर्णी कृत तथा भारतीय ज्ञानपीठ नई दिल्ली द्वारा १९७०-७३ ई० में प्रकाशित । 'जैन सिद्धान्त भास्कर', जैन feared भवन द्वारा प्रकाशित आवधिक शोध पत्रिका |
'दी बेना सोर्सेज बाफ़ दो हिस्टरी बाफ एन्जेन्ट इण्डिया', डा० ज्योति प्रसाद जैन कृत, तथा मे० मुखीराम मनोहरलाल नई दिल्ली द्वारा १९६४ ई० में प्रकाशित ।
पी. बी. देसाई कृत 'जैनिज्म इन सामथ इंडिया एण्ड सम बैन एपीग्राफस', जैन संस्कृति संरक्षक संघ सोलापुर द्वारा १९५७ ई० में प्रकाशित ।
डा० मेमिचन्द्र शास्त्री कृत 'तीर्थंकर महावीर और उनकी वाचावे
ऐतिहासिक व्यक्तिकोश