Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 193
________________ मोको', 'ए क्रीिमान बायोको (केबस बार ')' (१९९७), 'डिस्टिंग्विस बैंस' (१९१८), संबोष उत्तरी का बनुयाय, बादि। -१९२० १० के कुछ उपरान्त स्वर्गवास हो मया लगता है। उमरासिंह, पंडित- बीसवीं शती ई. प्रारम्भिक दशकों में जमीन पति के प्रगतिशील एवं सेवाभावी विद्वान थे, स्यावाद विद्यालय वाराणसी के साथ वर्षों सम्बद रहे। उल्फत राष- जिला मुजफ्फरनगर (उ० प्र०) के निवासी। सदा शुद्ध सादी का प्रयोग किया। सन् १९३०, १९१२ १९४२ के स्वतन्त्रता आंदोलनों में जेल यात्राएं की। [उ.प्र.जे., पृ.८८] उल्फत राब- जिला गुड़गांव (हरयाणा) में २८ जुलाई, १८९६ को बम्म । गणेशीलाल जैन के पुत्र। पालियामेन्ट पोस्ट माफिस में पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत रहे। धार्मिक और सामाजिक कार्य कर्ता। नई दिल्ली में जैन बदरहर, नसभा, दिगम्बर बन बिरादरी और बैन क्लब के संस्थापक सदस्य तथा जैन मित्र मण्डल के सक्रिय सदस्य । जैन क्लब तपाबन कोवापरेटिव बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष निर्वाचित । दक्षिण दिल्ली में ग्रीन पार्क कालोनी का विकास किया और वहां की कल्याण समिति के मंत्री तथा वहां के बैन गल्स स्कूल के उपाध्यक्ष रहे। सन् १९६२ में चीन के पाक्रमण के उपरान्त सिविल डिफेन्स कार्य किया और पोस्ट वार्डन बने। सन १९६५ पाकिस्तान बाक्रमण के दौरान अपने क्षेत्र में सेक्टर पान का कार्य किया। ७२ वर्ष की बायु में १६ अगस्त, १९६८ को निधन हुमा। होम्योपैथिक डाक्टर के रूप मे रोपियों को निशुल्क औषधि वितरित की। एक कुचल पुसबार और तैराक भी थे। गेहएं रंग, सस्मित बदम, मदुभाषी, उदारमना, सौम्य व्यवहार बाने उल्फतराय बी जेन ही नहीं नेतर मित्रमण्डली में भी लोकप्रिय रहे और यह सम्मान के साथ किबला साहेब' के नाम से पुकारे जाते थे। अपने पीछे सुशिक्षित एवं सुप्रतिष्ठित ४ पुत्र व २ पुत्रियां छोड़ी। [.., पृ. ३०७-३०८] ऐतिहासिक व्यक्तिकोष

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