Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 183
________________ वाय. 'कविभूषण', वाणीरत्न' अमृतलाल चंचल (१९१३-१९८७ १०), सुकवि, सुलेखक, स्वतन्त्रता सेनानी, बसाम्प्रदायिक चिन्तक, प्रगतिशीम सुधारक, कई नाटक, मूल्य-माटिकानों, कहानियों एवं कविता संग्रहों के बेशक, पार्मिक ग्रन्थ भी लिखे है, उनकी तारम-त्रिवेणी प्रसिड कृति है। [तारण बन्धु, फर्वरी २८, पृ. ११-१४] मम्बावास बरे कील- २०वीं शती के प्रारंभिक दशकों में महाराष्ट्र के अकोला मावि क्षेत्रों के प्रसिद्ध सुधारवादी प्रगतिशील जैन नेता थे। अम्बाबास शास्त्री, पं0- कासी के नेतराह्मण पंडितपयर और न्यायशास्त्र के शीर्षस्थ विद्वान असाम्प्रदायिक मनोवृत्ति के ऐसे उदारममा विद्वान थे कि जब, वर्तमान मती के प्रारम्भ में, स्व. गणेश प्रसाद वर्णी को जैन न्याय पढ़ाने से काशी के सभी पंडितों ने इंकार कर दिया था, तो उन सबका कोपभाजन बनने की परबाहन करके. उक्त शास्त्री जी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। फलस्वरूप स्यावाद महाविद्यालय की स्थापना हई और शास्त्री जी जीवनपर्यंत उसके सफल न्यायाध्यापक बने रहे। उनके प्रसाद से उक्त विद्यालय ने अनेक जैन न्यायाचार्यो एवं न्याय शास्त्री जन पंडितों को जन्म दिया। [वित्. १७५] अम्बालाल सारामाई-- (१८९०.१९६७ ई.), अहमदा के सुप्रसिद्ध उद्योगी तथा समानता श्वे. जैन सेठ, बनेक बौद्योगिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थानों से सम्बद्ध, बंग्रेज सरकार से कैसरहिंदस्वर्णपदक प्राप्त, १९३० में महात्मा गांधी की गिरफतारी पर वह पदक सरकार को वापस कर दिया, स्वातंत्र्य बांदोलन में कांग्रेस को प्रभूत बार्षिक योग दिया। अंतराष्ट्रीय राजनीति के भी पंडित थे। [प्रोगे. २३-२४] अयोध्याप्रसाद नोबली-प्रायः बाल्यावस्था से ही दिल्ली में रहे, स्वतंत्रता सेनानी, सुधारक समाजसेबी, मेखक, कवि एवं पत्रकार, भा. दि.जैन परिषद के कर्मठ कार्यकर्ता, भारतीय ज्ञानपीठ के साहित्य विभाष में सेवारत, जामोदय के सम्पादक, उर्दू शायरों ऐतिहासिक व्यक्तिकोष १९९

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