Book Title: Jain Inscriptions of Rajasthan
Author(s): Ramvallabh Somani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 332
________________ (21) (18) सू गाजा बाजतां तलेटी रो मंदिर जुहार डेरां दाखल हुवा । दूजे दिन मिति वैशाख सुदि 14 दिने शांतिक पुष्टिक हूतां श्री सिद्धगिरिजी पर्वत पर चढया (19) श्री मूलनायक चौमुखोजी खरतरवसीरा तथा दूजी वस्यां सर्व जुहारी । मास 1 रह्या उठे चढापो घणो हुवो अढाई लाख जात्री भेलो हुवो। पू(20) रब मारवाड मेवाड गुजरात ढंढाड़ हाडोती कछभुज मालवो दक्षण सिंध पंजाब प्रमुख देसांरा उठे लहण 1) सेर एक मिश्री घर दीठ दीवी जीमण 5 संघव्यां मोटा कीया । जीमण 1 बाई बीजू कीयो और जीमण पिण घणा हुवा । श्री चौमुखाजी रै बारणे अाला में गोमुखयक्ष चक्रे श्व(22) री री प्रतिष्ठा करायनें पधराई चौमुखैजी रो सिखर सुधरायो। 1 नवो मंदिर करावण वस्ते नींव भराई । जूना मंदिरां रा जीर्णोद्धार कराया जन्म (23) सफल कीयो। अथघ गुरुभक्ति इण मुजब कीनी-11 श्रीपूज्यजी हा 2100 साधु साध्व्यां प्रमुख चौरासी गच्छाधिकारी त्यां प्रथम स्वगच्छ(24) रा श्रीपूज्यजी री भक्ति सांचवी हजार पांच रो नकद माल दीयो दुजो खरच भर दीयो अनुक्रमे सारा दूजा श्रीपूजां री साधु साध्वीयां री भक्ति (25) सांचवी आहार पाणी गाडियां रो भाडो तम्बू चीवरो ठाणे दीठ 4 रुपया दीया नगद दूसाला वालों ने दुसाला दीया सेवग 500 हा जिणां नैं जण दीठ (26) 21) इकीस रोटयां खरच न्यारो मोजा पहरण रा प्रोषध खरची सारु रुपया चाहीज्यां जिणांने दीया पछै भ० । श्री जिनमहेन्द्रसूरिजी पासै सिंघवियां 21 संघमाला पहरी जिणमै माला 2 गुमास्तै सालगरांम महेसरी नै पहराई पछ बड़ा आडंबर सू तलेटी रो मन्दिर जुहार डेरां दाखल हुवा। (27) 53 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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