Book Title: Jain Inscriptions of Rajasthan
Author(s): Ramvallabh Somani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 334
________________ (38) कोयो सिरपेच मोत्यां री कंठी कड़ा मोती दुसाला नगदी हाथी घोडा पालखी नीजर कीया पाछा श्री रावलजी इण मुजब हीज सिर (39) पाव दीयो एक लुद्रवो जी तांबां पत्रां पट्टे दीयो इतो इजाफो कीयो । आगे पिण इणारी हवेली उदेपुर रांणोजी कोटे रा महारावजी (40) बीकानेर रा किसनगढ रा बूंदी रा राजाजी इंदौर रा हुलकरजी प्रमुख सर्व देसांरा राजवी जनांनै समेत इणां रै घरे पधारचा देणो (41) लेणो हजारां रो कीयो। दिल्ली रै पातसां री अंगरेजां रै पातसां री दीयोड़ी सेठ पदवी हे सुविख्यात हीज है पछै संघरी लाहण न्यात मै (42) दीवी पुतली 1 हेमरी थाली 1 मीश्री सेर1 घरदीठ । पछै बहादरमल्लजी लारै लाहण कीवी रुपया 5) थाली 1 मिश्री सेर (43) 1 घर दीठ दीवी जीमण कीयो पछ सहर मैं ठावां २ नै सिरपाव दीया पछै गढ मांहला मंदिरां लुद्रवे उपासरे वडै चढापो कीयो इण (44) मुजब हीज उदैपुर कोट देणो लेणो कीयो । हिवै संघ मैं देरासर रो रथ हो जिणरा 5100 लागा त्रगडो सोना रूपैरा २ (45) जिणरां 10,000 लागा मंदिर रा सुनैरी रूपैरी बासणां रा __15,000 लागा । दूजा फुटकर सरंजाम नै लाख एक रुपया (46) लागा । हमै संघ मैं जाबतो हो तिणरी विगत । तोपां 4 पल___टण रा लोक 4000 असवार 150 नगारे निसांण समेत, उदैपुर रा रा(47) णै जो रा असवार 600 नगारे निसांण समेत, कोटै रा महारावजी रा असवार 100 नगारै निसांण समेत, जोधपुर रै राजा जी रा (48) असवार 50 नगारै निसांण समेत । पाला 100 जेसलमेर रा रावलजी रा असवार 200, ट्रॅकरे नवाब रा असवार 400, 55 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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