Book Title: Jain Inscriptions of Rajasthan
Author(s): Ramvallabh Somani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 345
________________ ( V ) व (III) संघपतितिलककारितयुगप्रधानश्रीजिनसिंहसूरिपट्टप्रभाकरभट्टा रक श्रीजिनराजसूरिपदनन्दिमहोत्सवविविधधर्मकर्तव्यविधायक सं० प्रासकरणेन पितृव्य चाम्पसी भ्रातृ अमीपाल ( IV) कपूरचन्द स्वभार्या अजाइबदे पु० ऋषीदास सूरदास भ्रातृव्य गरीबदासादिसारपरिवारेण श्रेयोर्थं स्वयंकारित मम्माणीयविहारशृंगारकश्रीशान्तिनाथबिम्ब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमहावीरदेवावच्छिन्नपरम्परायातश्रीबृहत्खरतरगच्छाधिपश्रीजिनभद्रसूरिसन्तानीयप्रतिबोधितसाहि श्रीमदकब्बरप्रदत्तयुगप्रधानपदवीधर श्रीजिनचन्द्रसूरिवि हितकठिनकाश्मीरविहारवारसिन्दूरगज्ज णादि( IV) [वि] विधदेशामारिप्रवर्तक जहांगीरसाहिप्रदत्तयुगप्रधानप दधारक श्रीजिनसिंहसूरिपट्टोतंसलब्ध श्रीअम्बिकावरप्रतिष्ठितश्रीशत्रुञ्जयाष्टमोद्धारप्रदर्शितभाणवडमध्यप्रतिष्ठित श्रीपार्श्व प्रतिमाये (पी)(VII) यूषवर्षणप्रभाव-बोहित्थवंशमण्डन धर्मसी-धारलदे-नन्दन-भट्टा रकचकचक्रवर्तीश्रीजिनराजसूरिदिनकरैः।। प्राचार्यश्रीजिनसागरसूरिप्रभृतियतिराजैः । सूत्रधार सूजा ।। No. 49 Juna Badmer Jain temple Inscription (1) ओं ॥ संवत 1352 वैशाख सुदि 4 श्रीवा (बा)हडमेरौ महारा(2) [ज] कुलश्रीसामन्तसिंहदेवकल्याणविजयराज्ये तन्नि(3) (यु)क्त श्री 2 करणे [मं] वीरासेलवेलाउल भा० f [म |ग [ल प्रभृत]यो 66 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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