Book Title: Jain Inscriptions of Rajasthan
Author(s): Ramvallabh Somani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 340
________________ (3) चिगदेवकल्याणविजय(4) राज्ये तन्मुद्रालङ्कारिणि (5) महामात्य श्रीजक्षदेवे ।। (6) श्रीनाणकीयगच्छप्रतिबद्ध(7) महाराजश्रीचन्दनविहारे (8) विजयिनि श्रीमद्धनेश्वर(9) सूरौ तैलगृहगोत्रोद्भ(10) वेन महं नरपतिना स्वयं (11) कारित जिनयुगल पूजा(12) निमित्तं मठपतिगोष्टि (ष्ठि) क(13) समक्षं श्रीमहावीरदेव(14) भाण्डागारे द्रम्माणशता(15) र्द्ध प्रदत्तं ।। तद्व्याजोद्भवे(16) न द्रम्माद्धन नेचकं मासं (17) प्रति करणीयं ।। शुभं भवतु ॥ No.40 Jalore inscription (1) ओं ॥ [संवत् 1353 [वर्षे] (2) वै[शा] ख वदि 5 [सोमे] श्री (3) सुवर्णगिरौ अद्य ह महा(4) राजकुलश्रीसाम (मं)तसिंह(5) कल्याणं (ण) विजयराज्ये त(6) त्पादपद्मोपजीविनी (7) [रा]ज-श्रीकान्हडदेवरा(8) ज्यधुरा [म] द्वहमाने ईहै(9) व वास्तव्य संघपति-गणध(10) र ठकुर अाम्बडपुत्र व (ठ) कुर (11) जसपु[] सोनी महणसीह(12) भार्या माल्हणि पुत्र [सोनी] रत-- 61 Jain Education International - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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