Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 02
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 2
________________ A केशर। काश्मीरकी केशर जगत्प्रसिद्ध है। नई फसलकी उम्दा केशर शीघ्र मंगाईये । दर १) तोला। सूतकी मालायें। सूतकी माला जाप देनेके लिए सबसे अच्छी समझी जाती हैं। जिन भाइयोंको सूतकी मालाओंकी जरूरत होवे हमसे मंगावें । हर वक्त तैयार रहती हैं । दर एक रुपयेमें दश माला । फूलोंका गुच्छा। इस गुच्छेमें चपला, वीरपरीक्षा, कुणाल, विचित्रस्वयंवर, मधुस्रवा, शिष्यपरीक्षा, अपराजिता, जयमाला, कञ्छुका, जयमती और ऋणशोध ये ११ पुष्प हैं। प्रत्येक पुष्पकी सुगन्धि, सौन्दर्य और माधुर्यसे आप मुग्ध हो जावेंगे। हिन्दीमें खण्ड-उपन्यासों या गल्पोंका यह सर्वोत्तम संग्रह प्रकाशित हुआ है। प्रत्येक कहानी जैसी सुन्दर और मनोरंजनक है वैसी ही शिक्षाप्रद भी है। मूल्य ॥) कहानियोंकी पुस्तक। "इसमें छोटी छोटी सरल भाषामें लिखी हुई ७८ कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ छोटे बड़े वृद्ध सबके ही लिये शिक्षादायक हैं। इसकी भाषा बडी ही सरल सबके समझने लायक है। लडके लडकियोंको इनाम देने योग्य पुस्तक है । मूल्य पांच आना । यशोधर चरित। स्याद्वाद विद्यापति-वादिराज सूरिके संस्कृत काव्यका सरल हिन्दी अनुवाद । इसमें यशोधर स्वामीका चरित वर्णन है।मुल्य चार आना।। मिलनेका पता-मैनेजर, जैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, For Resopana हीराब्याग पो० गिरणांय अम्बई । dain Education International

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