Book Title: Jain Granthavali
Author(s): Jain Shwetambar Conference
Publisher: Jain Shwetambar Conference Mumbai
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अनुक्रमणिका.
कर्ता नाम.
पृष्ठांक.
कर्तानुं नाम.
पृष्ठांक.
कनककुशळ
१८०,२५९,२६४,२७०,
२७७,२८५
... ... ...
कुलप्रभ
कनकचंद्र ... कनकप्रभ ...
... २२७ २४१,२९९
कुलभद्र
कमलप्रभ
कमलसंयम ...
कलापकमुनि
कुमुदचंद्र ___ ... ... ... ३१२ कुलचंद्र
... ... १८३
... २४,१६९
... ... ... १२९ कुलमंडन ८,३२,५२,१२४,१४५,१५५,३०६
क्षमाकल्याण ९५,१२३,२३०,३३४ क्षमामाणिक्य ... ... ३०६ क्षमारत्नोपाध्याय
... २८४ क्षेमंकर ... ... २३५,२६२ . . क्षेमकीर्ति
१४,३५० क्षेमेंद्र ... ... २१९,३३३,३३९ क्षेमराज ...
... १७३ क्षेमहंस ... ... ३३५
.
०६
कल्याणविजय
10.
कल्याणसूरि
कल्याणसागर
(आंच.) कल्याणसागर
कल्हण
काकलकायस्थ
गजसार
...
...
...
१२३
गर्षि
कामदास ... कीर्तिचंद्र ... कीर्तिरत्न ... (आंच ) कीर्तिवल्लभ कीर्तिविजय ... कीर्तिविजय गणि (दिगं.) कुंकुंद
गुणचंद
गुणचंद्रमणि ...
गुणपाल
गुणसत्र

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