Book Title: Jain Granthavali
Author(s): Jain Shwetambar Conference
Publisher: Jain Shwetambar Conference Mumbai
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रख्यानो संगत.
अंथन नाम.
रच्यानो संवत.
प्रबलु नाम.
...
१४९६ १४९.
सिंहासनद्वात्रिंशिका कमा वस्तुपानं चरित्र (बाई) अधादशस्तोत्र भरपूरि
१५३
१४९८
१५१० रायकपकया १५२५ प्रतिकमण वृत्ति
श्रीपालनाटकमतरसक्ती वर्णन १५४०
शालिवाहन चरित्र १५४१ বৰিয়ারি জিবি
उत्तराध्ययन वृति उत्तराध्ययन दीपिका दशश्रावक चरित्र (प्रा.) कपूरप्रकरण भवचूरि वईमानदेशना उत्तराध्ययन वृत्ति
१५४४
...
विशतिस्थान परि
चामहोदधि प्रतिक्मणकमविधि श्रावविधि पत्ति बाक्यकांच बवाको वीतरागस्तोत्र भरि (चोथी)... पुलमान पति विमलनाय पीत्र भारंभासी वृत्ति न्यायमंजूषान्यास म्यापमंडलाय
१५५१
१५५४
भुवनमा परित्र (गद) श्रीपालयरित्र का
सोमसौभाग्य
श्रीपालकथा
१५१०
ज्ञानतरंगिणी १५.. दर्शनरत्नाकर १५.३ विचाररसायन प्रकरण
१५१८
मौनएकापसी का (प.) बजयकरूप वृत्ति उपदेशमाछा भवर
१५.२ आचासंग दीपिका १५८३ . सूत्रकृतांग दीपिया
१५१.
...
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