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( १७ )
क्षेत्रपालनो दश पाली घडना लाड, तथा एक पालीना खाजलांनो कर करेछे. वाकटना वंशजो तेना कर तरीके दीवालीए सवा पालीना तलवट, नव पुडला, तथा पुत्र जन्मे तो लापसी तथा सुंवाळी वे पालीनी करीने लाय छे. आ नागडावंशनी साभराइमां ओधरणनी स्त्री गांगी संवत १७११ मां, तथा डुमरामां देधरनी स्त्री सती थइ छे, आ नागडावंशना वणा फांटाओ थया छे, अने तेओमांना केटलाक कच्छी महाजन थया छे. तथा तेओम वाकटनो कर इत्यादि गोत्रजना जूदा जूदा प्रकारना करनी प्रवृत्तिओ कालांतरे थयेली देखाय छे.
सं. १९२१ मां कच्छी महाजन नागडा लघुसजनीय शाखाना नलीयाना रहीश शेट हीरजी नरसीनी स्त्री पुरवाइए श्री अंचगच्छीय भट्टारक श्रीरत्नरागरसूरिजीना उपदेशथी पार्श्वनाथनी प्रतिमा भरात्री, तेमज त्यां तेज वंशना शा. राघव लखपगनी स्त्री देमतबाइए अभेचंद पुत्रना पुन्यार्थे शांतिनाथजीनी प्रतिमा भरावी. आ कच्छीनागडा वंशर्मा कच्छ नलीयामां सं. १९२० मां थयेला, तथा मुंबइना महान व्यापारी शेठ नरसी नाथाए शत्रुंजयपर महान् जिनमंदिर बंधाव्युं छे, जे शेठ नरसी नाथानी
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