Book Title: Jain Gotra Sangraha
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जुर्नु अने जाणीतुं श्री जैननास्करोदय प्रिन्टिंग प्रेस. (छापखानु) दि अमारा छापखानामांदरेक जातनुं छापवानुं संस्कृत, मराठी, इंग्लीश, तथा बुकवर्क, कार्ड, कंकोत्री, हेन्डबील, पहोंचबुक, आंकडाबुक विगेरे छापखानाने लगतुं तमाम काम सारूं सफाइदार मुदतसर अने किफायतथी करी आपवामां आवे छे. स्थानिक तेमज बहारगामना काम उपर पुरतुं लक्ष आपवामां आवे छे. दरेक जातना कागलो पण स्टोका राखवामा आवे छे. ___ प्रुफ पण अमे पोते वांचीए छीए तेथी छपावनारने वधु सगवड छे, एक बखत काम करावी खात्री करवा भलामण करवामां आवे छे, मेनेजर. / For Private And Personal Use Only

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