Book Title: Jain Dharmamruta Author(s): Hiralal Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 5
________________ १०. दशम अध्याय-वन्ध तत्त्व २२०-२२७ ११. एकादश अध्याय-संवर तत्त्व २२८-२४३ १२. द्वादश अध्याय-निर्जरा तत्त्व २४४-२५६ १३. त्रयोदश अध्याय-मोक्ष निरूपण २५७-२६१ १४. चतुर्दश अध्याय-परात्म-पदकी ओर मनुष्यभवको दुर्लभता, आत्म-सम्बोधन और उसके लिए इष्टउपदेश, समाविका रहस्य, उसकी प्राप्तिका उपाय और आत्मासे परमात्मा बननेके मार्गका निरूपण २६२-३१६ __ परिशिष्ट १. ग्रन्थ संकेत सूची ३१९ २. श्लोकानुक्रमणिका ३२१Page Navigation
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