Book Title: Jain Bal Bodhak 03
Author(s): Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha

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Page 3
________________ सुलभजनधनाला-नं. ८ श्रीपरमात्मने नमः। A MINA-Hans जैनवालबोधक तृतीय भाग। जिसको . सर्वसाधारण जैनी वालों के हितार्थ सुजानगढनिवासी पन्नालालवाकलीवाल दिगंबरीजैनने संग्रह किया । और कलकत्तास्य-भारतीयजैनासेद्धांतप्रकाशिनी संस्थाने अपने विश्वकोपलेनस्थित-जैनसिद्धांतप्रकाशक पवित्र प्रेसमें श्रीलालजैन काव्यतीर्थक प्रयवसे छपाकर . . प्रकाशित किया। र प्रथमावृत्ति } वी. नि. २४४८ ई मूल्य ॥४, आने । meanidinaRALLELAR

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