Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti Author(s): Rekha Chaturvedi Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L View full book textPage 2
________________ जैन आगम साहित्य में आचारांग सूत्र, सूत्रकृतांग तथा उत्तराध्ययनसूत्र; प्राचीनता की दृष्टि से बौद्ध साहित्य से प्रतिस्पर्धा करते हैं। इनको साहित्यिक साक्ष्य के रूप में प्रयुक्त करके तत्कालीन समाज की मानसिकता. श्रमण संस्कति का उद्भव और विकास, धार्मिक विश्वास, दार्शनिक सम्प्रदायों की मान्यताओं, जैन संघ के स्वरूप और विकास चतुर्विध व्यवस्था, संघ जीवन और संघ भेद के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी संकलित की गई है। जैन नीति शास्त्र व सिद्धान्तमहाव्रत एवं अणुव्रत की चर्चा के साथ ही ब्राह्मण धर्म तथा बौद्ध धर्म से यथाप्रसंग समीक्षा, तथा समसामयिक ब्राह्मण तथा बौद्ध ग्रन्थों से तुलनात्मक चित्रण सफलतापूर्वक किया गया है। समाज दर्शन, सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, सामाजिक संस्थाएं, आगमकालीन राजनीति की स्थिति, प्रमुख घटनाएं, गण व्यवस्था, नृपतन्त्र तथा राजनीतिक अवधारणाओं की व्याख्या से यह पुस्तक, इस विषय के विद्वानों के लिए अति-उपयोगी सिद्ध होगी। आई.एस.बी.एन. 81-86565-51-5 मूल्य: 550 रुपएPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 372