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जीसस के पास आई, उनके चरणों में झुककर प्रणाम किया और एक किनारे बैठ गई । इतने में ही एक और महिला आई, जिसके बारे में सब लोग जानते थे कि वह महिला कुख्यात है । जिस मकान मालिक ने जीसस को अपने घर न्यौता दिया था, वह तो एक बार घबरा ही बैठा कि यह महिला कहीं जीसस के पवित्र पाँवों को न छू ले, मगर जीसस कुछ न बोले । वह महिला आई और आकर जीसस के पांवों में गिर पड़ी। उसकी आंखों से आंसुओं की धार बहने लगी। उसने जीसस के गीले हुए पाँवों को पोंछा और उसके बाद उनके चरणों को प्यार से चूमा । मकान मालिक यह सब बात समझ न पाया, लेकिन जीसस ने उससे कहा कि तुम जो भी हो, मैंने तुम्हारे पाप माफ़ किये। तुम जाओ और पवित्रतापूर्वक बाकी के जीवन को जीयो।
जब जीसस ने महिला को पाप-मुक्त होने का आशीर्वाद दिया तो मकान-मालिक की त्यौरियाँ चढ़ गईं । एक गलत महिला, जिसके प्रति जीसस ने ऐसा कहा और दूसरी महिला, जिसके बारे में हर कोई जानता है कि यह एक नेक महिला है, मगर फिर भी जीसस केवल मुस्कुरा कर रह गये । इस बारे में जब मेजबान ने जीसस से जिज्ञासा प्रकट की तो उन्होंने कहा-वत्स, मैं तुमसे एक सवाल करता हूँ। ऐसे समझो कि किसी अमीर आदमी ने किन्हीं दो महिलाओं को उधार धनराशि दी । एक महिला को पचास मद्राएँ और दूसरी महिला को पांच सौ मुद्राएँ दी, लेकिन वे दोनों ही महिलाएं अपने क़र्ज़ को चुका न पाईं। अमीर आदमी करुणाभिभूत हो उठा। उसने दोनों के क़र्ज़ को माफ़ कर दिया। तुम मुझे बताओ कि दोनों महिलाओं में से कौन-सी महिला उस अमीर आदमी के प्रति ज्यादा अहसानमंद होगी? मेज़बान ने कहा-जिसकी पांच सौ मुद्राएँ माफ़ कर दी गईं, वह ज्यादा अहसानमंद होगी।
जीसस ने सहज भाव से मेज़बान के जवाब को सुना और उसी सहज भाव से बोले-मेरे पास पहली महिला भी आई, दूसरी महिला भी आई और तुमने आकर भी मेरे पाँवों को स्पर्श किया, मगर मैं तुमसे पूछूगा कि जिस भाव से यह महिला आई, क्या उसी भाव से तुमने अपने पापों का प्रायश्चित करते हुए मेरे पाँवों को छुआ था? क्या मेरे पाँवों को छूते समय तुम्हारी आँखों में चंद कतरे
आंसुओं के उमड़े थे? क्या तुमने अपने होठों से मेरे पाँवों को चूमा? नहीं, तुमने ऐसा नहीं किया। इसीलिए मैंने इस महिला को माफ़ किया है, क्योंकि अब यह महिला मेरे लिए साधारण महिला नहीं है, यह तो श्रद्धा की जीवंत प्रतिमा हो चुकी
204 | जागो मेरे पार्थ
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