Book Title: Jago Mere Parth
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 232
________________ महाजीवन की खोज : श्री चन्द्रप्रभ धर्म और अध्यात्म का समन्वय स्थापित करता एक सम्प्रदायातीत ग्रन्थ। आचार्य कुंदकुंद, योगीराज आनंदघन एवं श्रीमद् राजचन्द्र के सूत्रों एवं पदों पर दिए गए अत्यन्त गहन-गम्भीर प्रवचन। पृष्ठ 140, मूल्य 30/समय की चेतना : श्री चन्द्रप्रभ समय और काल का हर दृष्टि से मूल्यांकन करते हुए समयबद्ध जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली पठनीय पुस्तक। पृ. 128, मूल्य 15/प्रेम की झील में ध्यान के फूल : श्री चन्द्रप्रभ प्रेम की रसमयता और ध्यान की गम्भीरता-दोनों को एक ही पात्र में उडेलती एक प्यारी पुस्तक। पृष्ठ 90, मूल्य 15/पंछी लौटे नीड़ में : श्री चन्द्रप्रभ अन्तर-साधना एवं व्यक्तित्व-विकास के सूत्रों को मनोवैज्ञानिक तरीके से उजागर करता एक पठनीय ग्रन्थ। पृष्ठ 160, मूल्य 30/सहज मिले अविनाशी : श्री चन्द्रप्रभ योग के कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्रों के प्रसंग में दिए गए बेहतरीन एवं अनमोल प्रवचन । हृदयप्रधान लोगों के लिए एक अनुपम सौगात। पृष्ठ 100, मूल्य 15/धर्म में प्रवेश : श्री चन्द्रप्रभ नित्य नये पंथों और उपासना-पद्धतियों के बीच धर्म के स्वच्छ मौलिक स्वरूप का निर्देशन । सफल सार्थक जीवन के आध्यात्मिक नियम। अपनी ओर से हर किसी को यह पुस्तक पहुँचाएँ। पृष्ठ 80, मूल्य 15/चेतना का विकास : श्री चन्द्रप्रभ मिट्टी को इतना मूल्य मत दो कि ज्योतिर्मयता के लाभ से वंचित हो जाओ। आध्यात्मिक सत्य और शान्ति से रूबरू करवाती श्रेष्ठ पुस्तक। पृष्ठ 104, मूल्य 15/उड़िये पंख पसार : श्री चन्द्रप्रभ अध्यात्म की सहज-सर्वोच्च स्थिति तक पहुँचाने वाला एक अभिनव ग्रन्थ, जिसमें कायोत्सर्ग, लेश्यामण्डल, गुणस्थान और विपश्यना जैसे गूढ़ विषयों पर भी मनोवैज्ञानिक प्रकाश डाला गया है। पृष्ठ 208, मूल्य 30/बोधि-बीज : सुश्री योगिता यादव महान चिन्तक एवं दार्शनिक सन्त श्री चन्द्रप्रभ के अमृत वचनों का विश्वकोश । मानसिक शान्ति, आध्यात्मिक विकास एवं समाज-सुधार जैसे हजारों विषयों पर अद्भुत अनूठा मार्गदर्शन; तीन भागों में। संबोधि-धाम का श्रेष्ठ प्रकाशन। पृष्ठ 900, मूल्य 150/ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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