Book Title: Indian Society for Buddhist Studies
Author(s): Prachya Vidyapeeth
Publisher: Prachya Vidyapeeth

Previous | Next

Page 37
________________ (22) थे, लेकिन कोई भी धर्म या उनके विचार सामान्य लोगों के जीवन के बारे में सोचता नजर नहीं आता है। ___ जीवन की जो यथार्थता है उसे बौद्ध धर्म ने विश्लेषित किया है। मनुष्य जीवन की यथार्थता ही बौद्ध धर्म की विशेषता है। इस शोधालेख में इसका विस्तृत वर्णन किया जाएगा। ***** श्रीलंका में बौद्ध धर्म का इतिहास एवं विकास राजा देवातम्यि तिस्स, राजा दुटुगामनि एवं राजा वट्ठगामणी की भूमिका सोनू, दिल्ली श्रीलंका वर्तमान समय में आधिकारिक रूप से श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य के नाम से जाना जाता है। भौगोलिक दृष्टि से यह दक्षिण में हिंद महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। श्रीलंका का पिछले 3000 वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। इतिहास के विभिन्न स्रोतो के माध्यम से 125000 वर्ष पूर्व यहां मानव बस्तियों होने के साक्ष्य मिले है प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहल वंश का शासन रहा है। समय-समय पर श्रीलंका में दक्षिण भारतीय राजवंशों का भी आक्रमण होता रहा है। श्रीलंका की संस्कृति अत्यंत सम्पन्न है। एवं यहां से 29 ईसा पूर्व में चतुर्थ बौद्ध संगीति के समय रचित बौद्ध ग्रंथ प्राप्त हुए है। तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महिंद के यहां आने पर श्रीलंका में बौद्ध धर्म का आगमन हुआ। भिक्षु महिंद अनुराधापुर के राजा देवाम्यि तिस्स के शासन काल में श्रीलंका में आगमन हुए थे। प्रस्तुत शोध पत्र का उद्देश्य श्रीलंका में बौद्ध धर्म का इतिहास एवं तीन प्रमुख राजाओं देवाम्यि तिस्स, दूगामणी, एवं वट्ठगामणि के योगदान एंव बौद्ध धर्म के विकास में उनकी भूमिका को दर्शाता है। राजा देवाम्यि तिस्स के शासन काल में ही श्रीलंका में बौद्ध धर्म का उद्भव हुआ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110