Book Title: Indian Society for Buddhist Studies Author(s): Prachya Vidyapeeth Publisher: Prachya VidyapeethPage 43
________________ (28) हिमालयी क्षेत्रों का धार्मिक परिवेश तीन प्रमुख परम्पराओं में निर्मित हुआ है। - (1) आदिम या जनजातिय, (2) हिन्दू, और (3) बौद्ध। जम्मू-काश्मीर के क्षेत्र में हिन्दू-धर्म तथा काश्मीर घाटी एवं उसके लद्दाख क्षेत्र कारगिल अंचल में इस्लाम धर्म तथा पश्चिम में लद्दाख से लेकर पूर्व में ( लगभग 3 हजार किलोमीटर) अरुणांचल तक बुद्ध धर्म लगभग 22 सौ वर्षों से प्रवाहमान है। आदिम धारा की जड़े बहत बहत गहरी है। हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियां बौद्धिक तथा व्याख्यात्मक दृष्टि से व्यापक है, लिपिबद्ध है और उनका साहित्य राशि विपुल है। काश्मीर से कारगिल तक इस्लाम धर्म लगभग ईसा के सातवीं शताब्दी से प्रवाहमान हुआ है। हिन्दू और बौद्ध धर्म का इन्हीं क्षेत्र में अस्तित्व है तो कहीं उनमें एकक्षेत्र राज्य है।आम-तौर पर हिमालयी प्रदेशों में बुद्ध धर्म और हिन्दू धर्म की संस्कृतियों के प्रसार क्षेत्र अलग-अलग है। हिमालयी प्रदेशों में सातवीं शदी के पूर्व थेरवादी बुद्ध धर्म सातवीं शदी के बाद महायानी संप्रदाय का प्रचलन हुआ था। __दक्षिण पार्श्व के महाहिमालय के प्रदेशों में बुद्ध धर्म तथा लघु हिमालय के प्रदेशों में हिन्दु धर्म का प्रचलन है। नेपाल के महाहिमालय क्षेत्र में बुद्ध धर्म प्रवाहमान है। उनके लघु हिमालय क्षेत्र काठमांडू घाटी में हिन्दु और बुद्ध धर्म दोनों प्रवाहमान है। लघु हिमालयी प्रदेश तथा तराई क्षेत्र में लुम्बिनी को छोड़कर हिन्दु धर्म प्रवाहमान है। भूटान में महायानी बुद्ध धर्म प्रचलित है। सिक्किम, पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग, अरुणाचल प्रदेश तथा लद्दाख, तथा हिमालयी प्रदेश के लाहुल स्पीति, किन्नोर, मनाली आदि में बुद्ध धर्म प्रचलित है। बौद्धों के इन क्षेत्रों को प्रधान केन्द्र लद्दाख है। प्रस्तुत शोध पत्र में इस विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जायेगी। ***** बौद्ध धर्म में धर्म मेघा जैन, मध्य प्रदेश आज के समय में जब धर्म जैसे पवित्र शब्द को कई कट्टर बाने पहनाये जा रहे हैं तब तो इस लेख का प्रकाशित होना और भी प्रासंगिक है। धर्म जीवनPage Navigation
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