Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti Author(s): Bechardas Doshi Publisher: Mumbai UniversityPage 17
________________ पृष्ठ (१६) कंडिका विषय पृष्ठ । कंडिका विषय ८९ त्रीजी विभक्ति । १०१ 'जणाय' ना 'आय'नी एकवचन व्युत्पत्तिचर्चा २६९ बहुवचन २४५ १०२ करीए'ना 'ईए'नी बेवडा प्रत्ययो अने व्युत्पत्तिचर्चा २७१ वैदिक भाषानी पद्धति २४५ १०३ 'अच्छइ'नी व्युत्पत्तिचर्चा २७२ चतुर्थीने बदले छट्ठी वेबरनी भ्रांत कल्पना २७५ विभक्ति श्रीनरसिंहरावभाईए 'ते माटे' अर्थना द्योतक जणावेलो अर्थ बराबर निपातो नथी 'रेषा' उपरथी 'रेसि' टेसिटोरीनी विवादास्पद लाववानी भ्रामक कल्पना २४७ कल्पना ___२७६ व्युत्पत्ति माटे केवल बीम्स महाशयनी 'अक्ष' अक्षरसाम्य भ्रामक छे २४८ द्वारा 'अच्छ' लाववानी ते बाबतनां उदाहरणो २४८ कल्पना छठी विभक्ति २५२ १०४ 'अच्छि' क्रियापदनी षष्ठी सूचक 'तण'नी व्युत्पत्ति व्युत्पत्तिचर्चा ५. १०५ ‘घेप्प्' धातु- मूळ , पंचमी विभक्ति २५६ १०६ ‘पहोंचवू 'नी व्युत्पत्ति चर्चा ९४ सातमी विभक्ति २८० १०७ भाषामां शैलीनी विशेषता-२८३ ९५ बारमा सैकानी क्रियापद 'भण 'नो उपयोग २८४ विभक्ति १०८ बारमा सैकानां कृदंतो अने। क्रियापदना प्रत्ययोनी तेमना प्रत्ययोनां मूळ २८६ व्युत्पत्ति १०९ भूतकृदंत ९७ भविष्यकालनां क्रियापदो २६४ । ११० वर्तमान कृदंत ९८ विध्यर्थ क्रियापदो २६४ १११ संबंधक भूतकृदंत ५९ कर्मणि क्रियापदो 'करी' अने' करीनेना १०० कर्मणि अने भावेप्रयो 'ई' तथा 'ईने' नी गनी चर्चा व्युत्पत्ति २७९ ९३ पंजा २५७ २५८ २५९ or or २८८ २८९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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