Book Title: Girnar Galp Author(s): Lalitvijay Publisher: Hansvijayji Free Jain Library View full book textPage 2
________________ श्री न्यायाम्भोनिधि - श्रीमद्विजयानन्दसूरिभ्योनमः || ग्रंथमाला. नं. १६ २९४६३ Exp ॥ अर्हम् ॥ ॥ गिरनार गल्प ॥ प्रेरक शान्तमूर्ति मुनिमहाराज १०८ श्री हंस विजयजी महाराज. योजक - जनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दमूरि शिष्य - मुनि महाराज श्री लक्ष्मी विजयजी शिष्यमुनिमहाराज श्री हर्ष विजयजी शिष्यमुनिमहाराज श्री वल्लभविजयजी शिष्य- पंन्यास श्री ललित विजयजी ॥ प्रकाशक श्री हंस विजयजी फ्री जैन लायब्रेरी श्रीवीर निर्वाण २४४८ श्री आत्म संवत् २६ विक्रम संवत् १९७८ इसवीसन १९२१ मूल्य आठ आना. BOS Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unwaway.Soratagyanbhandar.comPage Navigation
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