Book Title: Gagar me Sagar
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 72
________________ ७२ भगवान महावीर और उनकी ग्रहिसा और नीचे उसी का भाई करीम मर जाता है और मस्जिद साफ हो जाती है । ऊपर से हरमिन्दर सिंह वम फेंकता है और नीचे उसी का भाई गुरमिन्दरसिंह मर जाता है और गुरुद्वारा साफ हो जाता है । जब कोई किसी पर बम फेंकता है तो यह कोई नहीं कहता कि राम ने रहीम पर बम फेंका है, सभी यही कहते हैं कि अमेरिका ने जापान पर बम फेंका था । तात्पर्य यह है कि बमों की लड़ाई वस्तुतः व्यक्तियों की लड़ाई नहीं देशों की लड़ाई है । व्यक्तियों की अपेक्षा देशों की लड़ाई अधिक खतरनाक होती है, क्योंकि वह सामूहिक विनाश करती है । पहले की लड़ाइयाँ व्यक्तियों के बीच होती थीं, फिर परिवारों के बीच होने लगीं। उसके बाद जातियाँ लड़ने लगीं और आज देश लड़ते हैं । रामायण की लड़ाई दो व्यक्तियों की लड़ाई थी। राम और रावण दोनों व्यक्ति ही तो थे । रामायण की लड़ाई राम और रावण की लड़ाई ही तो कहलाती है । फिर हम महाभारत के युग में आते हैं । तबतक परिवार लड़ने लगे थे । महाभारत का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के बीच हुआ था । कौरव और पाण्डव किसी एक व्यक्ति के नाम नहीं, परिवारों के नाम हैं । हम और आगे बढ़ें । सन् संतालीस में हुये दंगे राम और रहीम के बीच नहीं, हिन्दू-मुस्लिमों के बीच हुये थे । हिन्दू और मुस्लिम दो जातियाँ हैं । सन् १९६५ एवं १९७१ में हुई लड़ाइयाँ श्री लालबहादुर शास्त्री एवं अयूबखां और श्रीमती इन्दिरा गाँधी एवं याह्याखां के बीच नहीं लड़ी गयी थीं, अपितु ये युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गये थे । भाई ! जब व्यक्ति लड़ते हैं तो व्यक्ति बर्बाद होते हैं, जब परिवार लड़ते हैं तो परिवार बर्बाद होते हैं, जब जातियाँ लड़ती हैं तो जातियाँ बर्बाद होती हैं और जब देश लड़ते हैं तो देश बर्बाद होते हैं । देश का अर्थ मात्र आदमी नहीं होता है । देश में आदमियों के साथ पशु-पक्षी भी होते हैं, खेत-खलियान भी होते हैं, कल-कारखाने भी होते हैं और मन्दिर-मस्जिद भी होते हैं। देश बर्बाद होने का अर्थ है इन सभी का बर्बाद होना, विनाश होना । कहते हैं कि जहाँ अणुबम गिरता है, वहाँ आदमी के साथ-साथ पशु-पक्षी भी मरते हैं, कीड़े-मकोड़े भी मरते

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