Book Title: Dharma ke Sutra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 168
________________ के फ्लैट सिस्टम (Flat System) की तरह है। जहां एक ही मकान में कई फ्लैट होते हैं और उसमें रहने वाले वर्षों से वहां रहते हुए भी एक-दूसरे से अपरिचित से बने रहते हैं । धर्म क्रियाकाण्ड का रूप ले बैठा है, अतः अध्यात्म शब्द मुझे अच्छा लगता है। धर्म की ओट में ऊंच-नीच, जाति-पांति, छोटे-बड़े- ये सब अनेक दुर्गुण पनपने लगे हैं। जब तक ये भेद-भाव नहीं मिटेंगे तब तक दुनिया से संघर्ष नहीं मिटेगा | साथ-साथ यह भी ठीक है कि विज्ञान ने मनुष्यों को बांट दिया है। अच्छी-अच्छी उपलब्धियों के साथ-साथ बेकारी आदि भी विज्ञान की देन है और लगता है एक दिन मनुष्य को यह सोचने के लिए भी बाध्य हो जाना पड़े तो आश्चर्य नहीं कि मुझे यह विज्ञान नहीं चाहिए, मुझे तो अपने प्राकृत रूप में ही रहने दीजिए । उदाहरण - किसान की बहू जो पहले ही रूपवती बनी साधु के आशीर्वाद से, फिर पति द्वारा साधु से वरदान लेकर गधी बना दी गयी और फिर पुत्र की प्रार्थना पर साधु द्वारा पुनः मूल रूप में कर दी गयी । प्रसिद्ध वैज्ञानिक आईंस्टीन से एक बार किसी ने पूछा- तीसरा महायुद्ध किन अस्त्रों से लड़ा जाएगा? उन्होंने उत्तर दिया- तीसरा महायुद्ध किन - किन अस्त्रों से लड़ा जाएगा, यह तो मैं नहीं कह सकता, लेकिन चौथा विश्वयुद्ध अवश्य पत्थरों से लड़ा जायेगा । अतः आवश्यकता है कि विज्ञान के परिणामों पर अंकुश रखा जाए और वह अंकुश है धर्म या अध्यात्म । Jain Education International धर्म का सार्वभौम रूप ध्यान ८ १५६ www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only

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