Book Title: Dharma ke Sutra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 170
________________ है। आज की सबसे बड़ी अपेक्षा है कि धर्म भी अपने आपको प्रमाणित करते हुए बताये कि धर्म से कुछ हो सकता है। जब तक धर्म प्रमाणित नहीं करेगा और केवल यह सूत्र चलेगा कि धर्म से तुम्हारा परलोक सुधर जाएगा तो आज के आदमी का धर्म से भरोसा उठ जाएगा। आज तो यह प्रमाणित करना है कि इस हाथ से दो और उस हाथ से लो। धर्म करो, अभी तुम्हें लाभ होगा, तब तो धर्म के प्रति हमारा विश्वास जमेगा, नहीं तो आदमी उसे भी नकारने लग जाएगा और धर्म भी व्यर्थ हो जाएगा। आज की जो सबसे बड़ी समस्या है, उस पर आचार्यवर ने ध्यान केन्द्रित किया। धर्म के प्रति अवज्ञा का भाव वर्तमान पीढ़ी में पैदा हो रहा है, यह सबसे बड़ी समस्या है। धर्म के अभाव में आदमी तनावग्रस्त हो रहा है, मानसिक समस्याओं से तनावग्रस्त हो रहा है। जब तक इन प्रयोगों में नहीं लगा था तब तक मुझे नहीं पता था कि इतने लोग मानसिक दृष्टि से बीमार हैं। और आसपास के लोग भी इतने बीमार हैं, इस बात का पता नहीं था, किंतु जब यह प्रयोग चला और प्रयोग के परिणाम आए, प्रतिक्रियाएं हुईं और लोग अपनी समस्याएं रखने लगे तो मुझे लगा कि जो अच्छे कपड़ों में, अच्छे डीलडौल में दीख रहे हैं वे मानसिक रूप से तो बहुत बीमार हैं। ये ऊपर से बहुत खिले हुए हैं पर भीतर से भगवान जाने क्या हो रहा है। इस सचाई का पता चला। __मैं मानता हूं, धर्म के क्षेत्र में एक नयी क्रांति गुरुदेव ने की है। पितामह भीष्म ने युधिष्ठर से कहा-तुम यह संदेश करते हो कि काल राजा का कारण होता है या राजा काल धर्म का सार्वभौम रूप-ध्यान । १६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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