Book Title: Devdravya Sambandhi Mere Vichar Author(s): Dharmsuri Publisher: Mumukshu View full book textPage 4
________________ दो शब्द बन्धुओं ! गुजराती से हिन्दी में अनुवाद करना मेरे लिए बिल्कुल नया विषय है, अतः हो सकता कि अक्षरशः अनुवाद न हो पाया हो। इस कारण त्रुटियाँ होना स्वाभाविक है, किन्तु पाठकवृन्द शब्दार्थ की ओर दृष्टिपात न कर भावार्थ की तरफ ही ध्यान देंगे। शास्त्रविशा- रद प० पू० आ० / भ०श्रीमद्वि __ जयधर्मसूरीश्वरजी म.सा. द्वारा गुर्जर भाषा में लिखित "देवद्रव्य सम्बन्धी मारा विचारों" नामक पुस्तक राखी (राज.) के ज्ञान भण्डार से उपलब्ध हुई। पुस्— तक का आद्योपान्त अध्ययन किया, तत्प श्चात् राखी श्रीसंध के समक्ष मैंने पुस्तक का हिन्दी भाषा में अनवाद करने का अपना प्रस्ताव रखा तथा साथ - साथ पुस्तक सम्बन्धी महत्वपूर्ण बौत भी बताई। श्री संघ ने मेरेPage Navigation
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