Book Title: Dashvaikalik Tatha Uttaradhyayan
Author(s): Harshchandra Maharaj
Publisher: Atmaram Mohanlal Sheth

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Page 9
________________ दसवेआलियसुतं अज्झयण ३ परीसहरिऊदन्ता 'धुयमोहा जिइन्दिया । सव्वदुक्खप्पहीणट्ठा पक्कमन्ति महेसि ॥ १३ ॥ दुक्कराई करेत्ताणं दुसहा इं सहेत्तु य । केइत्थ देवलोगेसु केइ सिज्झन्ति नीरया ॥ १४ । खवित्ता पुवकम्माइं संजमेण तवेण य । सिद्धिमग्गमणुप्पत्ता ताइणो परिनिव्वुडा ॥१५॥ त्ति बेमि ॥ ॥ तइयं खुड्डियायारकहज्झयणं समत्तं ॥ ॥ छज्जीवणिया नामं चउत्थमज्झयणं । सुयं मे पाउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं इह खलु छज्जीवणिया नामभयरणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपरणत्ता । सेयं मे अहिजिउं अज्झयणं धम्मपराणत्ती ॥ . कयरा खलु सा छज्जीवणिया नामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेश पवेइया सुअक्खाया सुपरणत्ता सेयं मे अहिजिउं अज्झयणं धम्मपएणत्ती? ___ इमा खलु सा छज्जीवणिया नामझयणं समणेणं भगघया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपएणत्ता सेयं मे अहिजिउं अज्झयणं धम्मपराणत्ती। तं जहा-पुढविकाइया, आउकाइया, तेउकाइया, वाउकाइया, वणस्सइकाइया, तसकाइया ॥ पुढवी चित्तमन्तमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । आउ चित्तमम्तमक्खाया अणेगजीवा पुढो १ धूम।

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