Book Title: Dasha Shrutskandh Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Aatmaram Jain Dharmarth Samiti

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Page 532
________________ - - दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् जाततेयं समारब्म दशा 6 | तते णं सेणिए राया जाव तेणं तं दारियं जाव ___ भंभसारे पृष्ठ 338-456 भारियत्ताए दलयंति दशा 10 तते णं महत्तरगा जेणेव जावि य से बाहिरिया परिसा समणे पृष्ठ 338-456 भवति दशा 10 तते णं से भगवं अरहा जावि य सा अभिंतरिया परिसा भवति पृष्ठ 338-456 भवति दशा 10 तते णं बहवे निग्गंथा य जे कहाहिगरणाई दशा 1 निग्गंथीओ पृष्ठ 338-456 जे अ आहम्मिए दशा 1 तेणं कालेणं तेणं समएणं ... जे अ माणुस्सए दशा 10 उवदंसेति त्ति वेमि पृष्ठ 338-456 जे केइ तसे पाणे दशा 6 तते णं तं दारियं जे नायगं च रट्ठस्स दशा 6 जेणेव वाहण-साला तेणेव अम्मापियरो पृष्ठ 338-456 . उवागच्छइश्त्ता दशा 10 तत्थ से पुवागमणेणं . जेणेव मज्जण-घरे तेणेव __पुव्वाउत्ते . पृष्ठ 338-456 उवागच्छइरत्ता बहाया दशा 1 तत्थगइयाणं निग्गंथाणं पृष्ठ 338-456 झंझ-करे दशा 1 तदाणंतरं च णं पुरओ पृष्ठ 338-456 ण इमं चित्तं समादाय दशा 10 / तवसा अवहट्टलेस्सस्स पृष्ठ 338-456 णवाणं अधिकरणाणं तच्चा सत्त तस्सणं एगमवि राइंदिया भिक्खु-पडिमा दशा 10 | आणवेमाणस्स पृष्ठ 338-456 तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया पृष्ठ 338-456 | तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजातस्स तं महप्फलं देवाणुप्पिए पृष्ठ 338-456 तहारूवे. पृष्ठ 338-456 तते णं समणे भगवं महावीरे रन्नो तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिस-जातस्स ___ भंभसारस्स पडिगओ पृष्ठ 338-456 ____तहारूवे समणे पृष्ठ 338-456 तते णं सेणिए राया तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिस-जातस्सवि ___ जाण-सालियं पृष्ठ 338-456 - जाव पडिसुणिज्जा पृष्ठ 338-456 तते णं सेणिए राया तेसिं पृष्ठ 338-456 तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं ततो णं सेणिएराया णाणेणं . पृष्ठ 338-456 बलवाउयं पृष्ठ 338-456 ततो णं ते कोथुविय पुरिसे तस्स णं गाहावइ-कुलं एयाओ सेणिएणं पृष्ठ 338-456 / खलु ताओ पृष्ठ 338-456

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