Book Title: Dandakadik Dwar Sangraha
Author(s): Saubhagyashreeji
Publisher: Umedchand Raichand
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(१३) सर्वथी गर्नज मनुष्य थोमा, तेथी बादर अग्नि कायना दंगके जीवो असंख्यातगुणा, तेथी वैमानिकना दंगके जीवो असंख्यातगुणा, तेथी जुवनपतिना दंमके जीवो असंख्यातगुणा तेथी नारकीना दमके जीयो असंख्यातगुणा, तेथी व्यंतरना दंगके जीवो असंख्यातगुणा, तेथी ज्योतिषीना दमके जीवो अ. संख्यातगुणा, तेथी चौरिंजियना दंमके जीवो असं. ख्यातगुणा, तेथी तिर्यंच पंचेंजियना दंगके जीवो विशेषाधिक, तेथी बेजियना दंगके जीवो विशेषाधिक, तेथी ते इंडियना दमके जीवो विशेषाधिक, तेथी पृथ्वोकायना दंगके जीवो असंख्यातगुणा, तेथी अपकायना दंमके जीवो असंख्यातगुणा, तेथी वाउकायना दंगके जीवोअसंख्यातगुणा अने वाउकायथी वनस्पतिकायना जीवो अनंतगुणा कह्यां .ए प्रमाणे सामान्य चोवीशे दंगके जीवोनुं अल्पबहुत्व कयु.
विशेष व्याख्याए जीवो सबंधी अल्पबहत्वना अठाणु नेदकहे गर्नजमनुष्यो सर्वे थश्ने (ए२७१६५, ५१५२६४३, ३७५५३५४, ३५५०३३६,)

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