Book Title: Daivat Bramhanam tatha Shadvinshat Bramhanam
Author(s): Samveda, Sayanacharya, Jivanand Vidyasagar
Publisher: Jivanand Vidyasagar

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दैवत ब्राह्मयो अथेन्द्रदेवत्यान्याह ३। सर्वाणि निधनवन्त्य न्द्राण्यन्यान्यादिष्ट भ्यः। आदिष्टेभ्यः इडानिधनाद्य तेभ्यः वक्ष्यमाणेभ्यो व्यतिरिक्तानि यानि निधनवन्ति सन्ति तानि सर्वाण्यैन्द्राणोति जानीयात् । अथ प्रजापतिटेवताकान्याह । सर्वाणि खराणि प्राजापत्यानि.. स्वयं माणम् उक्त लक्षणं ऋगन्त्याक्षरं हाइ कारश्च स्वरनिधनं तहन्ति प्राजापत्यानोति । साम स्वयमेवोदाहरति ५। यथा वामदेव्यम् । एतद्धाधिकारयुक्त स्योदाहरणम् । अथ सोमदेवत्यान्याह ६। सामानि सौमानि--- यानि ऋगक्षराणि स्तोभादिरहितानि केवलतानमात्रयुक्तानि तान्ये व ऋक्सामानि । खयमेव तान्य दाहरति ७। यथौशनकावे। अथ वरुणदेवत्यान्याह८। बाइनिधनानि वारुणानि--- For Private and Personal Use Only

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