Book Title: Bruhad Nirgranth Stutimani Manjusha Part 01
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 274
________________ (२) श्रीपउमचरिय-अंतर्गता मगधराजश्रेणिकेन संबोधितमहावीरस्तुतिः (प्रायः ईस्वी दशम शताब्द्याः पूर्वार्धम्) (.............. छन्दः) परमेसरु पच्छिम-जिणवरिन्दु । चलणग्गें चालिय-महिहरिन्दु ॥ १ ॥ णाणुज्जलु चउ-कल्याण-पिण्डु । चउ-कम्म-डहणु कलि-काल-दण्डु ॥ २ ॥ चउतीसातिसय-विसुद्ध-गत्तु । भुवणत्तय-वल्लहु धवल-छत्तु ॥ ३ ॥ पण्णारह-कमलायत्त-पाउ । अल्लाल-फुल्ल-मण्डव-सहाउ ॥ ४ ॥ चउसट्ठि-चामरुद्धअमाणु । चउ-सुरणिकाय-संथुव्वमाणु ॥ ५ ॥ थिउ विउल-महीहरे वद्धमाणु । समसरणु वि जसु जोयण-पमाणु ॥ ६ ॥ पायार तिण्णि चउ गोउराइँ । वारह गण वारह मन्दिराइँ ॥ ७ ॥ उब्भिय चउ माणव-थम्भ जाम । तुरमाणे केण वि णरेण ताम ॥ ८ ॥

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