Book Title: Bruhad Nirgranth Stutimani Manjusha Part 01
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 279
________________ (७) श्रीपउमचरिय-अंतर्गता सुग्रीवप्रणीतजिनस्तुतिः (प्रायः ईस्वी दशम शताब्द्याः पूर्वार्धम्) (.............. छन्दः) 'जयट्ठ-कम्म-दारणा । अणङ्ग-सङ्ग-वारणा ॥ ३ ॥ पसिद्ध-सिद्ध-सामणा । तमोह-मोह-णासणा ॥ ४ ॥ कसाय-माय-वज्जिया । तिलोय-लोय-पुज्जिया ॥ ५ ॥ मयट्ठ-दुट्ठ-मद्दणा । तिसल्ल-वेल्लि-छिन्दणा' ॥ ६ ॥ थुओ एम णाहो । विहूई - सणाहो ॥ ७ ॥ महादेव - देवो । ण तुङ्गो ण छेओ ॥ ८ ॥ ण छेओ ण मूलं । ण चावं ण सूलं ॥ ९ ॥ ण कङ्काल - माला । ण दिट्ठी कराला ॥ १० ॥ ण गउरी ण गङ्गा । ण चन्दो ण णागा ॥ ११ ॥ ण पुत्तो ण कन्ता । ण डाहो ण चिन्ता ॥ १२ ॥ ण कामो ण कोहो । ण लोहो ण मोहो ॥ १३ ॥ ण माणं ण माया । ण सामण्ण - छाया ॥ १४ ॥

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