Book Title: Bhasvati
Author(s): Shatanand Marchata
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Series Office

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Page 134
________________ ११२ मंदखं | डांतर ध. MY ऋ. ८ . ऋ. १०ध. ७ध. ४६. २ऋ ऋ. ४. ४. ४ॠ शी. खं. अन्त o २५ ४६ २३ ३१ ● ० ० २० १७ USAWA २६ ४९ ११ ५३ ४५ ३६ ० ५६ २१ 13 o ३३ ४८ ५० २४ O ० ३६ १७ १६ ५१ 0mY 20 Gove ४८ ४५ ४३ ० २१ ३० ४ ४८ २१ omm 9 १४ ३३ ३३ १६ ४१ ८ ३५ ३० १६ २९. ४२ ८ or gm 20 min ० १५ १४ भास्वत्य'म । ५६ ० ३४ १५ २९ १३ २० ४१ X ३८ २४ २१ ३६ १२ २४ om from m २६ ३० ५५ ३३ ४४ ३६ १२ २४ ३६ O ३८ of co ३४ ४ १० ५९ ४५ २ २४ MPS ५० २४ ० ous m mom 50 mosms ३९ ४५ vous ४४ mo O २१ ३६ १५ ބނ ४ ५९ २ २४ 05 Sa n 20 mm ४६ ४६ ३३ ० ३६ ३६ ३६ ३३ ४५ ४५ ३६ ३६ m mr s o १५ १५ us Aho! Shrutgyanam २५ mro - २० ५९ २ ४ ० ५ १८ ४५ ४५ ५४ ५४ ५४ ४५ १६ १६ १६ ५५ ३८ ४० ७ ५५ ५५ ५५ १२ २४ ४८ १२ १२ १२ १२ ४६ ३३ ४५ ३६ ० १४ १४ १४ गति गति गति गति भा. वा. - जिस ग्रहका जो मन्द खंडान्तर होय उसके समान मन्द स्पष्टगति के चक्र में देखने से मन्द स्पष्टगति मिलेगी, और शीघ्रकेन्द्र गति के चक्र में देखने से शीघ्रकेन्द्र गति मिलेगी | मन्द खंडान्तर और शीघ्र खंडान्तर इन दोनों का जहां समानता पावै वहां स्पष्टगति के चक्र में देखने से स्पष्ट

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