Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01 Author(s): Gyansundarvijay Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi View full book textPage 8
________________ S ओसवंश के आद्यस्थापक जैनाचार्य श्रीरत्नप्रभसूरीश्वर पादपद्मभ्योः १ - जन्म वीर निर्वाण संवत् १ प्रारम्भ | २- -दीक्षा वीर निर्वाण संवत् ४० । ३- आचार्यपद वीर निर्वाण संवत् ५२ । ४ - उपकेशपुर के राजा प्रजा को जैनधर्म की दीक्षा वी० नि० सं० ७० वर्ष । ५ – आपश्रीजी ने अपनी मौजूदगी में चौदहलक्ष घर वालों को जैन बनाये । ६ - सर्व आयुष्य ८४ वर्ष का अन्त में वी० नि० ८४ वर्ष पुनीत तीर्थ श्री शत्रुंजय पर समाधि पूर्व स्वर्ग पधारे। श्री संघ ने वहाँ विशाल स्तूम्भ बनाया था 'ज्ञान' & Personal Use Or --- 0000000000000000Page Navigation
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