Book Title: Bhadrankarvijayjina Saniddhyani Divya Palo
Author(s): Babubhai Girdharlal Kadiwala
Publisher: Adhyatmik Sanshodhan ane Dhyan Kendra

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Page 309
________________ ૨૬૫ - A ना ४२चाडलाई हैरान सन त्‌यावा शासकी गंदा बिलयोलवम‌को मेघा प्रतिना हैयम ख़ालनम कारमंभ क त मयांक संक्स-प्रयोग pon zऔर niin नियोग सिमसत्वविषदस्ती परिহলদ हुनु पाप १८६ छुछुद नक्छन् परीचार प्रयुध्या पर पाडा पालघू पर पड़ाना साधन हिंसाहि १८ पाप स्थरन्छ यीय कारणों साधन 200 हान् overrid वरमहावाहिनवधू हानअ दीपकक श्रीसाथ पर पडा थायक नार hi annakiसविधे ती पां सर मेडি लवंती परपीडाको परिए। 28201ট परोपकार नारूळप्रकारी में सरनाई এই ইনपुटিच्छी थी पापनीया तारकस्य प्रहुना yeun fৈছা स्वषिस्ने हेय शुलाल परिया घरपायका परिहार स्थल रूपनर कृपा रादुपना नाही fai नै छु परियाने उत्पन्न 201 र नमस्कार मला in 1 mia 7 nanz ट्वा रुवी रास्नेल पाय वृतियों achim Gill aid ure cinde उत्तर दिशावानेच पद पद्धतपट आइछानf Moan You যस युद्धको पापीको कान हिरोध आच्छा 3-3 निध

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