Book Title: Bahubali tatha Badami Chalukya
Author(s): Nagarajaiah Hampa, Pratibha Mudaliyar
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan tatha Anusandhan Sanstha

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Page 221
________________ अध्याय दस उपसंहार चालुक्यों ने ई छठी से आठवीं सदी तक दक्षिण में शासन किया। उन्होंने कर्नाटक को अपने सेनाबल, प्रशासनिक योग्यता तथा सामाजिकसांस्कृतिक योगदान से प्रस्तुत किया। प्राचीन किले, गुफा मंदिर तथा पुरालेखों में उसकी प्राचीन भव्यता का प्रकाश दिखाई देता है। / बादामी चालुक्यों का युग दक्षिण में, अपने युद्ध तथा शांति में अपने समय का उल्लेखनीय युग रहा है। पूर्व में तेलगुदेस तथा उत्तरपश्चिम के लाट प्रदेश को छोडकर, उनकी राज शक्ति का उदय तथा विकास दो समुद्र के मध्य के समस्त भूभाग पर वास्तव में एक स्वतंत्र साम्राज्य के रूप में उभरा। चालुक्यों ने बादामी के साथ एक नए साम्राज्य की स्थापना और पुलकेशी ने हर्षवर्धन के विरुद्ध अपने साम्राज्य का निर्माण ऐसा किया कि वह अपने साम्राज्य को विंध्य तक ही सीमित रखें। बनवासी के कदंबों तथा गंगों से अधिक चालुक्य ही थे कि जिन्होंने उत्तर तथा दक्षिण के पडोसियों से कई युद्ध जीतें। चालुक्यों ने दो क्षेत्र आदिकदंबों तथा आदिगंगों को एक ही श्वेत-छत्र के नीचे लाने तथा For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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